वन विभाग संदेह के घेरे में

रसूखदारों द्वारा हरे पेड़ों की बेरहमी से कटाई, प्रशासन मौन
अनूपगढ़:-डी एल सारस्वत
रायसिंहनगर क्षेत्र में हरे-भरे वृक्षों की अवैध कटाई का सिलसिला लगातार जारी है। ततारसर गांव की आंगनबाड़ी केंद्र सहित पंचायत समिति क्षेत्रों में वर्षों पुराने पेड़ों को बिना किसी रोकटोक के काटा जा रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस पर वन विभाग पूरी तरह से मौन साधे हुए है, जिससे विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों द्वारा कई बार विभाग को सूचित किया गया, लेकिन या तो फोन उठाया नहीं गया, और अगर कभी उठा भी तो महज खानापूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इससे प्रतीत होता है कि वन विभाग की कार्यशैली में लापरवाही नहीं बल्कि एक सुनियोजित सांठगांठ काम कर रही है।
सूत्रों की मानें तो कुछ रसूखदारों को वन विभाग और पटवारियों की मिलीभगत से संरक्षण मिल रहा है। हैरानी की बात यह है कि संबंधित पटवारियों को अपने ही हल्के की जानकारी नहीं है—ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पेड़ों को किसी ‘मां’ के नाम दर्ज दिखाकर कागजों में भी लीपापोती की जा रही है।
यह स्थिति न केवल पर्यावरण के लिए घातक है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में यह क्षेत्र हरियाली की जगह बंजर भूमि में तब्दील हो सकता है।
क्या कहता है प्रशासन? अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस गंभीर मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर रसूखदारों के दबाव में वनविभाग की यह ‘नींद’ यूं ही जारी रहेगी।
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