अनूपगढ़ स्थानीय संघ को मिला द्वितीय स्थान
उल्लेखनीय सेवाओं के लिए मिला स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र
अनूपगढ़ :-डी एल सारस्वत
अनूपगढ़। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड की ओर से बीकानेर स्थित आर्य समाज भवन में आयोजित शांति भंडारी शताब्दी जन्मोत्सव समारोह में अनूपगढ़ स्थानीय संघ को शांति भंडारी स्मृति जन्म शताब्दी समारोह सम्मान में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।
इस सम्मान के तहत अनूपगढ़ संघ को 7000 रुपये की राशि, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह में आर्य समाज मंदिर बीकानेर के प्रधान महेश आर्य एवं सहायक राज्य संगठन आयुक्त स्काउट बीकानेर रामजस लिखाला ने संयुक्त रूप से यह सम्मान अनूपगढ़ संघ को प्रदान किया।
यह उपलब्धि स्थानीय संघ द्वारा वर्ष भर किए गए उत्कृष्ट सेवाभावी एवं समाज उपयोगी कार्यों की मान्यता स्वरूप प्रदान की गई।
अनूपगढ़ स्थानीय संघ ने हाल ही में इस संघ के शहीद हेमू कालाणी स्वतंत्र रोवर क्रू ने राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्मी मजूमदार पुरस्कार में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
वहीं कोटा में आयोजित राज्य स्तरीय शिविर में स्थानीय संघ को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
संघ के रोवर्स एवं स्काउट्स द्वारा विभिन्न सामाजिक व राष्ट्रीय गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की गई, जिसमें पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर सहयोग, वृक्षारोपण, सफाई अभियान, परिंडे बांधना, विभिन्न कैंपों में सहभागिता, मैसेंजर ऑफ पीस कार्यक्रम, राष्ट्रीय जंबूरी, साहसिक गतिविधियां, जल सेवा, मेलों में सेवाएं, आपदा प्रबंधन आदि प्रमुख रहे।
इन सभी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी और अनुकरणीय कार्य प्रदर्शन के कारण ही अनूपगढ़ संघ को मंडल स्तर पर द्वितीय स्थान का यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ।
समारोह में अनूपगढ़ संघ की ओर से सचिव राजाराम डाल, रोवर लीडर एडवोकेट रमेश शेवकानी एवं कोषाध्यक्ष जितेंद्र खासप्रिया ने प्रतिनिधित्व करते हुए यह सम्मान ग्रहण किया।
सम्मान प्राप्ति के उपरांत स्थानीय संघ सचिव राजाराम डाल व रोवर लीडर एडवोकेट रमेश शेवकानी ने कहा कि यह उपलब्धि स्थानीय संघ के सभी पदाधिकारियों एवं स्काउट गाइड एवं रोवर्स की प्रतिबद्धता और निरंतर सेवा भावना का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान संघ के हर उस सदस्य को समर्पित है, जो समाज के प्रति निष्ठापूर्वक कार्य करता है।
विदुषी शांतिबाई भंडारी का प्रेरणादायक जीवन
इस अवसर पर शांतिबाई भंडारी के जीवन और योगदान को भी श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया।
उन्होंने वर्ष 1951-52 में महारानी सुदर्शना महाविद्यालय में गाइडिंग की शुरुआत की।
स्काउट-गाइडिंग की सर्वोच्च योग्यता "वुड बैज" में उन्होंने थ्री हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण प्राप्त कर गाइडिंग को नई दिशा प्रदान की।
वर्ष 1958 में वे राज्य संगठन आयुक्त (गाइड) एवं राज्य प्रशिक्षण आयुक्त (गाइड) नियुक्त हुईं। उन्होंने 13वीं जंबूरी में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया।
श्रीमती भंडारी को वर्ष 1968 में लेडी बैडेन पॉवेल द्वारा राष्ट्रीय सिल्वर स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया।
बाद में उन्हें स्काउट-गाइड संगठन का सर्वोच्च सम्मान "सिल्वर एलीफेंट" पुरस्कार वर्ष 1996-97 में प्रदान किया गया।
मानव सेवा की भावना से प्रेरित होकर उन्होंने अपने नेत्र एवं देहदान की घोषणा की, जिसे चिकित्सा अध्ययन हेतु समर्पित किया गया।
उनका देहावसान वर्ष 2011 में हुआ।उनके जीवन मूल्यों एवं सेवाओं की स्मृति में यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जो आज भी स्काउट-गाइड संगठन के सदस्यों को प्रेरणा देता है।
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