जीवन में एक बार हर व्यक्ति को वृंदावन की यात्रा करनी चाहिए : पूज्य संत श्री ललित शरण शास्त्री

भीलवाडा :- भैरु लाल माली
भीलवाडा के उपनगर पुर में स्थानीय भारद्वाज वाटिका में आयोजित भागवत कथा के अंतिम दिवस कथा का शुभारंभ करते हुए संत ललित शरण जी महाराज ने बताया कि जीवन रहते हर व्यक्ति को एक बार वृंदावन की यात्रा जरूर करनी चाहिए। वृंदावन इस धरती का बैकुंठ है ।यदि एक बार कोई व्यक्ति वृंदावन जाता है तो उसका भाग्य लेकर गया, दूसरी बार वृंदावन जाता है तो उसका पुण्य लेकर गया और वह बार-बार वृंदावन जाता है तो समझना चाहिए राधा रानी उसको बार-बार वृंदावन बुला रही है ।अंतिम दिवस की कथा सुनाते हुए पूज्य महाराज ने बताया कि जीवन में त्याग का बहुत महत्व है। जो जीवन में त्याग करता है वह भगवान को प्रिय हो जाता है। सुदामा जी का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने अभाव का रोना नहीं रोया भाव का रोना रोया। युवाओं के लिए संदेश देते हुए राष्ट्र निर्माण में धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा ताकि हमारा धर्म संस्कृति बचा रहे ।पूज्य महाराज ने सभी भक्तों को राम मंदिर निर्माण की मंगल बधाई दी और कहा कि सनातनी संस्कृति के लिए यह यादगार पल है।कथा समापन के पश्चात पूर्णावती हवन हुआ जिसमे सभी ग्राम वासियों ने भाग लिया। प्रेम शंकर आचार्य ने बताया कि भागवत कथा कमेटी ने महाराज को विदाई दी। विदाई के अवसर पर पंचमुखी बालाजी के महंत जमुना दास जी, पुजारी मुरारी पांडे, मांगीलाल बिश्नोई ,प्रेम बिश्नोई ,सुरेंद्र बिश्नोई, चांदमल बिश्नोई, रतन लाल आचार्य, छोटू लाल अटरिया, शंकर लाल माली, कैलाश माली ,भैरू शंकर, भेरुलाल लोहार, गोपाल टेलर, मदन छिपा, देवीलाल आचार्य, दिनेश राजोरा व शांतिलाल बिश्नोई आदि उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?






