दुर्दशा का शिकार हो रहा पुर का बड़ा तालाब

भीलवाडा:-भैरू लाल माली
भीलवाडा के उपनगर पुर में करीब 50000 की आबादी होने के बावजूद यहां फसलों की सिंचाई एवं पशुओं के पानी पीने का मुख्य स्रोत करीब 500 साल से अधिक पुराना बड़ा तालाब देखरेख के अभाव में दुर्दशा का शिकार हो रहा है। तालाब के हालात इतने विकट है कि यहां जगह-जगह तालाब के बीच में अंग्रेजी बंबूल उग आए हैं तथा पानी की आवैं पूरी तरह से टूट जाने से पहाड़ियों से आने वाले पानी की आवक पूरी तरह से बंद हो चुकी है जिससे तालाब बारिश के दिनों में भी पूरा नहीं भर पता है। यदि तालाब की आवक के लिए आवो की सफाई नहीं की जाएगी तो पानी की आवक नहीं होने से यह तालाब पूरी तरह से सूख जाएगा। तालाब के पेटे में कई अवैध ईट भट्ठे संचालित हो रहे है जिससे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है एवं तालाब की करीब 20 बीघा भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। किंतु प्रशासन की अनदेखी के चलते पुर के सबसे बड़े तालाब की दुर्दशा हो रही है और लोग यहां कचरा डालने से भी नहीं कतराते हैं जिससे पानी की आवक बंद होने से एवं कचरा डाले जाने से यह मात्र कूड़े का भंडार बनकर रह गया है जिससे ना तो सिंचाई और न हीं मवेशियों को पानी मिल पाता है। अगर यही दुर्दशा रही तो बारिश के दिनों में भी तालाब खाली ही रहेगा। बारबार शिकायत करने के बाद भी नगर परिषद द्वारा गांव का गंदा पानी तालाब में छोड़कर भरा जा रहा है ।जिससे कुछ दिनों पूर्व गन्दे पानी की वजह से तालाब में सैकड़ो मछलियां मर गई थी। और एक गाय भी गन्दा पानी पीने से बीमार हो गई थी ।लेकिन आज तक गन्दे पानी को जाने से नही रोका गया ।
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