नगर परिषद का स्वच्छता का दावा खोखला !

राज्य स्तर पर रैंकिंग में भारी गिरावट
कोटपूतली:-बीआर सैनी
कोटपूतली।स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में कोटपूतली नगर परिषद की असल तस्वीर सामने आ गई है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग में सुधार का दावा किया गया है, लेकिन राज्य स्तर पर स्थिति और भी बदतर हो गई है।
कोटपूतली की राज्य रैंकिंग 20 से गिरकर 37 पर पहुंच गई है, जो नगर परिषद की नाकामी को उजागर करती है।
???? आंकड़ों की बाज़ीगरी या असली प्रगति?
नगर परिषद ने 604वीं रैंक और ODF+ मान्यता का खूब प्रचार किया, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। न तो शहर में कचरे का समुचित प्रबंधन है, न ही सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति संतोषजनक है।
???? "डोर-टू-डोर कलेक्शन" केवल दिखावा!
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कचरा वाहन नियमित नहीं आते, गलियों में कूड़ा फैला रहता है और बदबू से वातावरण दूषित होता है।
???? डिजिटल फीडबैक पर ज्यादा, असल सफाई पर कम फोकस
जनता को खुश करने के बजाय केवल एप्स और ऑनलाइन फॉर्म्स के माध्यम से अंक जुटाने की कोशिश की गई। नगर परिषद की कार्यशैली में पारदर्शिता की कमी स्पष्ट है।
???? सवाल उठ रहे हैं: क्या राज्य रैंकिंग में गिरावट को नजरअंदाज किया जा सकता है? क्या ODF+ का टैग सिर्फ एक "प्रमाण पत्र" बनकर रह गया है? क्या जनता की असल समस्याओं की अनदेखी की जा रही है?
???? निष्कर्ष जहाँ एक ओर कागज़ों में सफाई दिखाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर कोटपूतली की सड़कों और मोहल्लों में गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। स्वच्छता का यह छलावा कब तक चलेगा?
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